पाँच जीवन हैक्स डर के प्रति निर्णय लेने को कम करना

समर्पण का डरदست डर! यहाँ 5 जीवन शिल्प हैं जो आपकी मदद करेंगे इसे पार करने में:

1. मूल कारण की पहचान

समर्पण के डर को समझने से पहले, हमें समझना होगा कि इसकी क्या वजहें हैं। पूछिए:
– क्या आपके लिए समर्पित रहने से जुड़ी एक पुरानी घटना आ गई थी?
– आप अपनी आज़ादी या आत्मनिर्भरता को खोने के डर से घबराते हैं?
– आप ऐसे व्यक्ति के साथ फंसने या पकड़े जाने के डर से लगते हैं जिसे आपकी मूल्यों के अनुसार नहीं मिल सकते?

मूल कारण पर विचार करने से आपको इसे दूर करने में मदद मिलेगी।

2. छोटी-छोटी बातें शुरू करिए

समर्पण के लिए छोटे-छोटे इंगेजमेंट्स शुरू करिए जिससे आपका आत्मविश्वास बढ़ सके।
– एक नियमित तारीख या हफ्ते में फोन पर बात करने की प्लानिंग करिए।
– अपने दोस्तों और परिवार के सदस्यों से समय बिताने का इंतज़ाम करिए।
– एक समूह फिटनेस क्लास, सामाजिक क्लब या वॉलेंटियर ऑर्गेनाइजेशन में शामिल हो जाइए।

इन छोटी-छोटी बातों पर सफल होने के बाद, आप समर्पण के विचार से सहज होंगे।

3. खुली संवाद

समर्पण का डर आमतौर पर अनिश्चितता और चिंता के कारण होता है। अपने पार्टनर के साथ खुले ढंग से बात करने से इस डर को कम कर सकते हैं।
– नियमित रूप से समय-समय पर आपसी भावनाओं, चिंताओं और अपेक्षाओं के बारे में चर्चा करिए।
– संवाद करते समय सक्रिय श्रवण और सहानुभूति का प्रयास करिए।
– ‘मैं’ शब्दों का इस्तेमाल करके अपनी विचारों को व्यक्त करिए और असली भावनाओं को छिपाने या अनुमान लगाने की कोशिश न करिए।

खुले संवाद से आप एक-दूसरे पर भरोसा पाएंगे और रिश्ते में सुरक्षा की भावना बढ़ेगी।

4. साझा लक्ष्यों और मूल्यों पर ध्यान दीजिए

जब आप अपने पार्टनर के साथ समान लंबी-प्राप्ति के लक्ष्य और मूल्य हों, तो भविष्य की योजना बनाना आसान होगा।
– अपने छोटे-छोटे और दीर्घकालिक सपनों के बारे में अपने पार्टनर के साथ चर्चा करिए।
– आपसी रुचियों, शौक या जुनून को खोजिए जिससे आपके बीच नजदीकी बढ़ सके।
– एक शेयर्ड विजन बोर्ड या लक्ष्यों का प्लान बनाकर अपने साझेदार के रूप में आगे बढ़ सकें।

जब आप दोनों मूल्यवान चीज़ों पर एकमत हों, तो आप अपनी जिंदगियों के लिए समर्पित रहना आसान लगेगा।

5. आत्मविश्लेषण और आत्मदया

याद रखिए कि समर्पण से डरने की प्रक्रिया एक दीर्घकालिक प्रक्रिया है, और इसके लिए समय लगता है।
– अपने आप पर कृपालु रहिए जब आपको चिंता या अनिश्चितता महसूस होती है।
– अपने भावों को स्वीकार करिए और उन्हें दबाने या टालने की कोशिश न करिए।
– रिश्ते में आगे बढ़ने की छोटी-छोटी सफलताओं पर जश्न मनाइए।

इन जीवन शिल्पों को अपनाकर और खुद के प्रति सहनशीलता दिखाते हुए, आप समर्पित रहने में आत्मविश्वास और आत्मसंतुष्टि प्राप्त कर सकेंगे।